मैं अपने दर्शकों को इंतजार कराना चाहता हूं-विराज भट्ट
नेपाली मूल के भोजपुरी स्टार विराज भट्ट ने बचपन में ही सोच लिया था कि वे बड़े होकर फिल्मों में काम करेंगे। तब हिंदी फिल्में देखा करते थे। जब एक्टर बनने की बारी आई तो नेपाली फिल्मों में काम करने लगे। उन पर एक भोजपुरी मेकर की नजर गई और विराज भट्ट सीधे भोजपुरी में आ गए। छह फिल्में रिलीज हुई हैं और सात फिल्में फ्लोर पर हैं। इतने कम समय में ही इंडस्ट्री में इनकी एक सम्मानजनक स्थिति बन गई। निरहुआ के साथ विराज भट्ट की सफल जोड़ी बन गई है और विराज की गिनती एक्शन स्टार के रूप में होने लगी है। उनसे हुई बातचीत के प्रमुख अंश-
डेढ़-दो साल में ही छह भोजपुरी फिल्मों ने आपको कामयाबी का इतिहास रच दिया?हां, मगर उसके पहले नेपाली की 80 फिल्मों की एक लंबी कड़ी है। नेपाली सिनेमा ने जो अनुभव दिया, वह यहां भी काम आ रहा है। नेपाली में मेरी पहली फिल्म ‘अग्निपथ’ थी जो 6 साल पहले बनी थी। नेपाली की लोकप्रियता के पीछे मेरा एक लंबा संघर्ष भी था। मैंने अपने आत्मविश्वास और मेहनत पर भरोसा किया।
भोजपुरी में आने के पीछे कोई वजह?मेरी फिल्में भोजपुरी निर्माता-निर्देशक रमाकांत प्रसाद देखा करते थे। वे नेपाल सीमा पर स्थित रक्सौल के रहने वाले हैं। उन्होंने मुझे भोजपुरी में काम करने का ऑफर दिया। मेरे लिए यह एक बड़ा मौका था। उनकी फिल्म ‘लागल रहऽ ए राजा जी’ मेरी पहली भोजपुरी फिल्म बन गई। उसमें दिनेशलाल यादव निरहुआ के साथ मुझे पर्दे पर आना था। वह फिल्म सुपरहिट साबित हुई।
आपकी और निरहुआ की जोड़ी को आज सफल जोड़ी के रूप में देखा जा रहा है?उनके साथ तीन फिल्में आई हैं और तीनों सफल रही हैं। फिलहाल दो और फिल्में आने वाली हैं, जिसमें दर्शक हम दोनों को देखेंगे। ‘दुश्मनी’ और ‘दिलजले’ के रिलीज का हम इंतजार कर रहे हैं।
इंडस्ट्री में कहा जाता है कि सुपरस्टार अपने को-स्टार को खा जाता है?निरहुआ जी के साथ इससे ठीक उल्टा अनुभव हुआ। उन्होंने हमेशा मेरे साथ बराबरी का व्यवहार किया सपोर्ट किया और समय-समय पर प्रोत्साहन भी दिया। वे सेट पर ऐसा माहौल बना देते हैं कि नया एक्टर भी उत्साहित रहता है। अब मैं रवि किशन और पवन सिंह के साथ भी आ रहा हूं।
सुपर स्टार्स के अपने इगो होते हैं, जो टकराव पैदा करते हैं?हम अपने काम से काम रखते हैं। हर एक्टर अपने किरदार के साथ सेट पर होता है। सबकी अपनी-अपनी चिंता होती है। खुद को अच्छी तरह पेश करने की जिद मन में रहती है। यह एक तरह की स्वस्थ प्रतिद्वंद्विता है। वैसे सेट के बाहर भी हम एक्टर मिलते रहते हैं। कभी भी हम एक-दूसरे के सामने कटुता से पेश नहीं आते हैं। अगर हमारी टयूनिंग सही हो तो इसका रिजल्ट भी अच्छा ही होता है।
अब तक भोजपुरी में काम करते हुए क्या सीखा?नेपाली हो या भोजपुरी फिल्में-हर जगह संघर्ष है। धैर्य से अगर रह गए तो सफर लंबा चलेगा अन्यथा बोरिया-बिस्तर बंध जाएगा। एक कलाकार के नाते हर किसी से कुछ न कुछ यहां सीखने को मिल रहा है और एक व्यक्ति के नाते-अपनी इात कायम करने की भूख को जिंदा रखना पड़ रहा है।
नेपाली और भोजपुरी फिल्मों में क्या फर्क नजर आया?कोई फर्क नहीं। मेकिंग एक है, तकनीक एक है। कहानी भी मिलती-जुलती है। वैसे भी दोनों सिनेमा में फर्क करना इसीलिए भी मुश्किल है कि दोनों अड़ोसी-पड़ोसी हैं और एक तरह की संस्कृति और मानस है। ‘दामिनी’ की पूरी शूटिंग नेपाल में की गई थी। उसे नेपाली में भी डब किया गया था। ‘दामिनी’ में काफी कलाकार नेपाली से लिए गए थे। नेपाली फिल्में भारत में चलती हैं तो भोजपुरी फिल्में भी नेपाल में रिलीज होती हैं, हां, दोनों फिल्मों में एक छोटा सा फर्क है। भोजपुरी में 10 से ज्यादा गाने होते हैं जबकि नेपाली में 4-5 गाने ही होते हैं।
लेकिन भोजपुरी की छवि पर तरह-तरह के सवाल उठते हैं?मेरा इससे मतभेद ही नहीं, विरोध भी है। अगर भोजपुरी की छवि खराब होती तो यह इंडस्ट्री इतनी बड़ी नहीं हो जाती। भोजपुरी फिल्में पूरे देश में रिलीज होती हैं। एकाध-दो फिल्मों के आधार पर भोजपुरी को रिजेक्ट करना अन्याय है। इस आधार पर तो हिंदी सिनेमा को भी रिजेक्ट किया जाना चाहिए। भोजपुरी में अच्छे तकनीशियन हैं। अच्छे निर्माता-निर्देशक हैं। हम हिंदी से बजट के मामले में पीछे हैं और आप समझ सकते हैं कि बजट के कारण क्या-क्या कठिनाइयां होती हैं।
आप भोजपुरी में कैरियर बनाने आए हैं तो भोजपुरी सिनेमा का भविष्य क्या लगता है?भोजपुरी अभी ‘ग्रो’ कर रही है। कई पड़ाव आए हैं इसके जीवन में। उतने ही झटके भी लगे हैं। फिर भी भोजपुरी सिनेमा खत्म नहीं हुआ। इसका भविष्य हर किसी को अच्छा दिखाई पड़ रहा है।
आपके पास तो फिल्मों की कतार लग गई है?कतार नहीं है लेकिन काफी फिल्में आ गई हैं। मैं अंधाधुंध फिल्में करना भी नहीं चाहता हूं। मैं तो अपने दर्शकों को इंतजार कराना चाहता हूं। इससे मुझे भी पता चलेगा कि दर्शक मुझे कितना चाहते हैं। मुझे अच्छी कहानी वाली फिल्में और अच्छे निर्माता-निर्देशक चाहिए। सिर्फ घोषणा वाली फिल्में नहीं चाहिए।
आप भी सुपरस्टार की लाइन में हैं? यहां हर नया एक्टर आते ही सुपर स्टार कहलाना पसंद करता है?मैं एक्टर बने रहना चाहता हूं। सुपरस्टार बनना या बनाना अपने हाथ में नहीं होता है। मैं तो अभी सीख ही रहा हूं।
सीखने के लिए भोजपुरी को ही क्यों चुनी? हिंदी में क्यों नहीं गए?मैं तो अच्छा-भला नेपाली में काम कर रहा था। भोजपुरी से ऑफर आया तो यहां आ गया। अगर संयोग से हिंदी के अच्छे ऑफर आ गए तो वहां भी चला जाऊंगा। यह तो कला-कर्म है। कला की कोई भाषा, जाति, धर्म नहीं होती है। साउथ में बात चल रही है। मेरी इच्छा हर इंडस्ट्री में काम करने की है। जब मन में आ गया है कि जीवन में बहुत कुछ करना है तो उतनी मेहनत भी करनी होगी।
दर्शकों के बीच जाने पर किस तरह का रिस्पांस मिलता है?भरपूर प्यार और इात। हर कोई अपना समझता है। लोग सुझाव भी देते हैं कि मुझे कैसा रोल करना चाहिए। अब तो वे कहने लगे हैं कि सोलो रोल में आइए।
आपके फैंस को किस तरह का रोल अच्छा लगता है?एक्शन। लोगों ने मुझे एक्शन स्टार की संज्ञा दे दी है। इसीलिए मुझे एक्शन को बार-बार नए अंदाज में लाना पड़ता है। एक्शन में दिलचस्पी बहुत शुरू से रही है। मैंने देहरादून में मार्शल आर्ट सीखी है।
एक्शन स्टार को नाचना-गाना कैसा लगता है?नाच-गाना तो एक स्वभाव होता है। वह भी सीखा है। सन्नी देयोल की तरह।
आपकी पारिवारिक पृष्ठभूमि?मैं नैनीताल से सटे नेपाल के धनगढ़ी का रहने वाला हूं। पढ़ाई-लिखाई देहरादून में की। उसी दौरान मॉडलिंग भी की।
फिल्मों में काम करने की इच्छा कब पैदा हुई?बचपन में ही। मिथुन चक्रवर्ती मेरे प्रिय हीरो थे। आज भी हैं प्रिय।
घर से भागकर मुंबई जाने की इच्छा कभी हुई थीं?नहीं, कभी नहीं, मैं हड़बड़ी में नहीं था। योजनाबध्द तरीके से आना चाहता था। वैसे ही आया।
भोजपुरी हीरोहनों के साथ कैसा तालमेल रहता है?बहुत अच्छा। लेकिन रानी और पाखी के साथ ज्यादा सहज रहता हूं।
सफलता का स्वाद कैसा लगा?अभी तक ‘लागल रहऽ ए राजी जी’,'दीवाना’, ‘दाग’, ‘हम हईं हीरो हिंदुस्तानी’, ‘दामिनी’ तथा ‘जाबांज जिगरवाले’ में अच्छा स्वाद मिला है। मगर इंतजार है ‘ओढ़निया तान के’, ‘प्यार करे ला हिम्मत वाला’, ‘दिलजले’, ‘दुश्मनी’, ‘होत बा जवानी अब जियान ए राजा जी’, ‘कैसन पिया के चरित्र बा’ तथा ‘राजा जी आई लव यू’ का। इन फिल्मों में रिंकू, मोनालिसा, राखी त्रिपाठी, रूबी सिंह, प्रिया शर्मा और रानी चटर्जी के साथ आने का मौका मिल रहा है।
(प्रस्तुति- प्रियंक जयेस)
(प्रस्तुति- प्रियंक जयेस)
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